Sunday, 17 September 2017

चीन से कद्दू लड़ोगे !

क्या मखौल बना रखा है. एक तीन कौड़ी का बलात्कारी और हत्यारा बाबा राज्य सत्ता और न्याय व्यवस्था को अपनी ताक़त दिखा रहा है. गुंडा मोदीजी को ( खट्टर- वट्टर कौन हैं जी?) ब्लैकमेल कर रहा है. सन्देश साफ़ है कि अगर मुझे जेल भेजा जाता है तो बड़े पैमाने पर बलवा करवाऊंगा, मेरे समर्थक आत्मदाह करना शुरू कर देंगे.

दरअसल बाबा अपनी ताक़त जानता है. कोई सरकार बवाल नहीं चाहती. वह जानता है कि दंगाइयों को रोकने के लिए आखिरकार गोली ही चलानी होगी. गोली चलेगी तो सारा विपक्ष तो एक होकर प्रच्छन्न रूप से उसका मददगार बन जाएगा. मीडिया का एक हिस्सा जिसे मोदी जी खरीद नहीं पाए हैं ( क्योंकि उसे दूसरों ने खरीद रखा है) वह भी कुल मिलाकर बाबा के साथ ही खडा होगा. बाबा यह भी जानता है कि जो लाखों लोग उसके नाम पर मरने- मारने को तैयार हों, उसके कहने पर पंजाब और हरियाणा के चुनावों में असर तो डाल ही सकते हैं.
दुर्भाग्य यह है कि हरियाणा सरकार कुछ भी करने के लिए कोर्ट का सहारा ले रही है. हरियाणा वाले बेचारे मोहनलाल तो वैसे भी जैसे-तैसे दिन गिन रहे हैं, पटियाले का प्रतापी राजा भी भी अपनी मूछों को नीचे करके चुपचाप बैठा हुआ है. हद ये है कि कोर्ट को बताना पड़ रहा है कि पुलिस और प्रशासन को क्या करना चाहिए. इरादा साफ़ है. आगे चलकर डेरे वालों के वोट चाहिए.

भक्त भले ही नादान हों, लेकिन उन्हें यह पता चलना चाहिए कि यहाँ कुछ भी देश और उसके कानून से ऊपर नहीं है. सरकार को बाबा को साफ़ सन्देश देना पड़ेगा कि अगर ज़रा सी भी हिंसा हुई तो व्यक्तिगत रूप से उसके खिलाफ शांतिभंग, आगज़नी, आत्महत्या के लिए भड़काना, हत्या और देशद्रोह के मुक़दमे लगा दिए जाएंगे. फिर सड़ते रहना जेल में. जेल में जुगाड़ लगाकर अच्छा बिस्तर, मोबाइल या सेटेलाईट फोन, दारू- मुर्गा, ब्लू फिल्म तो मिल जाएगा, मगर लड़की तो नहीं ही मिलेगी.

एक सीमा के बाद संयम दिखाने से सिर्फ सरकार की कमजोरी ज़ाहिर होती है. हिंसा किसी को अच्छी नहीं लगती, लेकिन हिंसा का जवाब जाट आन्दोलन की तरह पुलिस का पीछे हट जाना नहीं है. अपने नागरिकों पर गोली चलाना कोई अच्छी बात नहीं, लेकिन यहाँ तो सख्ती दिखानी ही होगी. यह एक अच्छा मौक़ा है. एक बार अगर सरकार ने इच्छा शक्ति दिखाई तो इस तरह के दूसरे बदमाशों और दंगाइयों के लिए एक नजीर बनेगी. अच्छा यह है कि सुरक्षा बल सतर्क हैं. सेना भी मदद के लिए पहुंची हुई है.

याद रखिये बन्दूक लाठी की तरह चलाने के लिए नहीं, गोली दागने के लिए बनाई जाती है.

एक गुण्डे पर काबू कर नहीं सकते, चीन से कद्दू लड़ोगे !!

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