Sunday, 17 September 2017

नमस्तस्यै... नमो नमः

नमस्तस्यै...नमस्तस्यै. नमस्तस्यै... नमो नमः

ज़रा उठिए तो अपनी जगह से....थोडा अदब के साथ. और सलाम कीजिये, हरियाणा- पंजाब की उन शेरनियों को, उन दो लड़कियों को जिन्होंने बलात्कारी और हत्यारे बाबा के खिलाफ 15 साल तक अदालत में लड़ाई लड़ी. वह भी उस महाशक्तिशाली बाबा के खिलाफ, जिसकी ताक़त के सामने 130 करोड़ की आबादी वाले दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को सेना तक उतारनी पड़ी. जिसके डेरे पर हरियाणा और पंजाब के न जाने कितने मुख्यमंत्री, मंत्री और आला अफसर बार- बार मत्था टेकने आते हैं.

कोई कम साहस की बात नहीं थी यह. सोचिये कितना दबाव रहा होगा उन लड़कियों पर , जिनमें से एक के भाई की ह्त्या बाबा ने शिकायत करने के फ़ौरन बाद करवा दी. 

नवरात्र अभी थोड़ा दूर हैं. लेकिन उससे पहले ही, आइये प्रणाम करते हैं दुर्गा की इन जीवंत प्रतिमाओं को.
दूसरा सलाम, इस मामले को अपने एक छोटे से अखबार 'पूरा सच' के ज़रिये दुनिया के सामने लाने वाले सिरसा के पत्रकार स्वर्गीय रामचंद्र छत्रपति को, जिनकी ह्त्या बलात्कारी बाबा ने अखबार में खबर छपने के कुछ ही दिन बाद करवा दी. डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय सिरसा में है. गुरमीत वहीं से अपना साम्राज्य चलाता है. पानी में रहकर मगरमच्छ से वैर मोल लिया छत्रपति जी ने, और एक सच के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. याद रहे कि दिल्ली और चंडीगढ़ से छपने वाले बड़े से बड़े अखबार की भी हिम्मत नहीं हुई थी बाबा के खिलाफ यह खबर छपने की.

आइये उनकी शहादत के लगभग 15 साल बाद उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं.और उनके बाद इस मुद्दे को जिलाए रखने वाले उनके बेटे के साथ खड़े होते हैं.

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