Sunday, 17 September 2017

नाम बोलता है, जी नाम बोलता है.


आइये, एक खेल खेलते हैं. कुछ जुए जैसा. मुझे अपना नाम बताइए. पूरा नाम. और मैं आपको बताऊंगा कि आप किसे वोट देने वाले हैं.

अगर आपके नाम के पीछे पाण्डेय, मिश्रा, त्रिवेदी, पन्त, कौशिक, सारस्वत, राय, रघुवंशी, परमार, अग्रवाल, श्रीवास्तव जैसा कुछ है, तो आप कमल को वोट देने जा रहे हैं. अगर मैं सही हुआ तो आप मुझे पांच रुपये देंगे. अगर मैं गलत हुआ तो मैं आपको बीस रुपये दूंगा. अगर मैं गलत हुआ तो ज़्यादातर मामलों में इसका मतलब यह भी होगा कि अगर आप नहीं तो आपके परिवार का कोई किसी पार्टी में है, या फिर आप पढ़ाई के दौरान आइसा या एस एफ आई में थे.

अगर आपका नाम यादव के साथ ख़त्म होता है, तो इस बार आप साइकिल चलाएंगे. सही होने पर मैं आपसे पांच रूपए लूँगा, और गलत होने पर पचास रूपए दूंगा. वैसे इसका मतलब यह भी होगा कि आप किसी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं, या फिर शिवपाल चच्चा के आदमी हैं, और साइकिल का पहिया पंक्चर करने में लगे हैं.
इसी तरह अगर आपके नाम के आगे मोहम्मद, अहमद या पीछे पीछे सिद्दीकी, अब्बासी, खान वगैरह है तो आप भी साइकिल चलाएंगे. सही होने पर मैं आपसे पांच रूपए लूँगा गलत होने पर मैं आपको बीस रूपए दूंगा. वैसे ज्यादा देता, लेकिन कहीं- कहीं साइकिल के बगल में हाथी भी तो खडा है. वैसे अगर आप कमल का बटन दबाएंगे तो मैं आपको पांच सौ रूपए दूंगा.

लेकिन अगर आप लखनऊ के आसपास के हैं, और आपके नाम में रिज़वी, नकवी, आब्दी जैसा कुछ है तो आप हाथी की सवारी करने की काफी संभावना है. कमल का बटन दबाने पर आपको दो सौ रूपए मिलेंगे.

बाक़ी सरनेम? अरे भाई, मैंने ठेका लिया है क्या भविष्यवाणी करने का. शर्म करिए, और हार मान लीजिये उत्तर प्रदेश वालो! क्योंकि इस खेल में मैं भारी फायदे में रहने वाला हूँ.

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