Sunday, 17 September 2017

गुजरात के गधे

गुजरात के गधों ' का ज़िक्र करके आप घोड़ा साबित नहीं हो पाएंगे अखिलेश भैया . चुनाव जीतें तो इस बार कुछ काम कीजियेगा, और हार जाएँ तो सकारात्मक विरोध.

यही बात आपके लिए भी मोदी जी. जीतें तो शमशान या कब्रिस्तान नहीं, अमन और तरक्की की बात कीजिएगा, और हार गए तो भी उत्तर प्रदेश को केंद्र का साथ दिलाइएगा.

समझ गए दोनों? समझ लीजिए, ताकि 22 के चुनाव में इस तरह घोड़े-गधे की बात करके उत्तर प्रदेश की जनता को उल्लू न बनाना पड़े.

(जो अभी समाचार नहीं देख पाए हैं, उनकी जानकारी के लिए आज अखिलेश जी का बयान आया है, जिसमें अमिताभ बच्चन साहब के एक विज्ञापन का हवाला देकर उन्होंने 'गुजरात के गधे' जैसे शब्द का गैरज़रूरी ज़िक्र किया है. इससे पहले मोदी जी कल श्मसान और कब्रिस्तान का मुद्दा उछाल चुके हैं )

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