Sunday, 17 September 2017

साबू का अवतार हैं राहुल भैया

शुभ- शुभ बोलिए राहुल भैया. अब तक तो यही पता था कि भूकम्प तब आता है, जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है. ईश्वर आपको सपरिवार सलामत रखे. " ईश्वर के लिए", ऎसी प्रणवात्मक बातें न कहा कीजिये.

साधो, डायमंड कॉमिक्स नामक उपनिषद श्रंखला में महर्षि प्राण ने बार- बार बताया है कि ' जब साबू को ग़ुस्सा आता है, तो ज्यूपिटर यानी बृहस्पति ग्रह पर पर कोई ज्वालामुखी फटता है'. अब पता चला कि महर्षि प्राण भविष्य देख सकते थे.

सच में राहुल भैया साबू का अवतार हैं.

साबू की हरकतों का कोई भरोसा नहीं, इसलिए हर समय एक चाचा चौधरी उनके साथ ज़रूर रहते हैं. ग्वालियर, शाहजहांपुर और राजस्थान वाले बिल्लू, पिंकी वगैरह ज़रुरत के मुताबिक़ हर कहानी में आ जाते हैं. उनके साथ राकेट नामक कुत्ता भी रहता है. ज़ाहिर है, दूसरों पर झपटने-भौंकने के लिए (साधो, नाम लेना अशोभनीय हो जाएगा. नो कमेंट्स. कृपया अपनी कल्पना का इस्तेमाल करें).

बस इस डायमंड कॉमिक्स में एक ही बदलाव है. यहाँ चाचा चौधरी लगातार बदलते रहते हैं. कुछ दिन पहले तक जनार्दन दूबे चाचा थे, जो हर फोटो में साथ रहते थे. आजकल गुलाम नबी चाचा हरदम साथ दीखते हैं.
वैसे, डायमंड कॉमिक्स का साबू भी अपना दिमाग नहीं लगाता, बस आस्तीनें चढ़ाकर भिड जाता है. दिमाग का ठेका चाचाओं का होता है, जिनका "दिमाग कम्प्यूटर से भी तेज़ चलता है".

साधो, जब चाचा हैं, बिल्लू - पिंकी हैं, साबू हैं, समूची डायमंड कॉमिक्स है ; तो डायलाग भी तो वैसे ही होंगे. इस साबू को गुस्सा आयेगा तो ज्वालामुखी फटे न फटे, भूकंप तो आयेगा ही. पिछले दिनों इंडोनेशिया में आ भी चुका है. इधर कुछ झटके गुजरात में भी आये हैं. बीच में एक दिन दिल्ली में भी हल्का झटका लगा था. हे संकटहरण

बजरंगबली! हमारे साबू का ग़ुस्सा कम करो. या मौला मुश्किल कुशा!

हाँ, टी वी पर कोई बता रहा था कि साबू का ट्रक डगडग 4 करोड़ का है.

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